Wednesday, 19 October 2022

फिर चले जाना

 कब तक चलेगा यूं तेरा आना

आना और आकर फिर चले जाना

जख्मों को मेरे कुरेद 

कर यूं जाना

बस करो यूं बार बार

दिल को सताना


कब तक चलेगा यूं तेरा आना

आना और आकर फिर चले जाना


आंखों में प्यार

लबों पे इन्कार

हाल मेरा पूछकर

बेहाल कर जाना


कब तक चलेगा यूं तेरा आना

आना और आकर फिर चले जाना


आ जाओ बस जाओ

दुनियां में मेरी

वरना अपने हाथों 

जलाकर ही जाना


कब तक चलेगा यूं तेरा आना

आना और आकर फिर चले जाना

दर्द से दोस्ती

जब कर ली दर्द से दोस्ती हमने

लगता हैं डर को जरा जलन सी हुई।

गुमसुम बैठे एक कोने से देखता है छुप छुप कर

दर्द में हंसते देखकर हमको , जरा उसे हैरत सी हुई।



ठीक भी है, पुराना रिश्ता था आखिर

किसी को खोने के डर से मेरा

अब जब खोकर देखा तो पाया

कभी कोई था ही नही मेरा


धीरे धीरे सामना हुआ इस सच से

डर ने बहुत समझाया

लेकिन इस बार दर्द की ताक़त थी कुछ और

बस घसीटकर अपने गले से लगाया


जिस दर्द से भाग रही थी जिन्दगी भर

वो इतना वफादारी से साथ रहा

उसके साथ की आदत सी हो गई

और डर ने आखिर अलविदा कहा