Monday, 28 June 2021

प्यार कही खो जाता है

पाने खोने के मुक़ाबले में

प्यार कही खो जाता है


रिश्तों के बंधन में

साँस घुटने लगती है

दुनियादारी के बोझ में

प्यार कही खो जाता है


कस्में वादों में घसीटते हुए

शर्तों के बींच से गुज़रते हुए

ख़ून के आँसू रो कर

प्यार कही खो जाता है


प्यार तो एक खुशबू है

इसे तो उड़ना होता है

इसे खेलने दो हवा के साथ

वरना प्यार कही खो जाता है


ये तो खुली धूप में निखरता है

ज़िंदगी में सावन के रंग बिखेरता है

इसे तो दूर रहने दो रस्मो रिवाज से

नही तो, प्यार कही खो जाता है


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