जब कभी दुर होते हो
तो क्यूँ इतने पास होते हो
बैठने दो चैन से कभी
ख़यालों में उलझे बिना
हम एक साँस लेना चाहते है
तुझे याद किए बिना
जब से उतर आए हो इस दिल में
अकेले में भी सुकून कहाँ
घर में भटकते है
कोई कोना नही है, तू ना हो जहाँ
ये क्या हो गया मेरी नज़रों को
बस तू ही तू दिखता है हर चेहरे में
कस के आँख बंद कर लो
तो फिर नज़र आते हो अंधेरे में
तुम्हारी खामोशी के शोर में
दुनिया की आवाज़ सुनाई देती नही
इस दुनिया से दूर कही है हम
जिंदा हूँ शायद धड़कन जो चलती रही
ख़त्म कर दो ये दूरी
के साँस लेना चाहते है
ले आओ वापस इस दुनिया में
की हम जीना चाहते है
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